आपने अपने माता-पिता को कई बार दान करते हुए देखा होगा परन्तु क्या आपने कभी सोचा है की दान क्या है? सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai)? दान कब करना चाहिए, गुप्त दान क्या है? ऐसे ही कई सवाल है जो हिन्दू धर्म का पालन कर रहे लोगों के मन में अक्सर आते है।
दान करना हिन्दू धर्म में बड़े ही पुण्य का काम माना जाता है। हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति दान धर्म करता है उसे बहुत जीवन भर सुख- समृद्धि और जीवन के बाद मोक्ष मिलता है। यानि दान आपका लोक ही नही बल्कि परलोक भी सुधार देगा।
अल्पमपि क्षितौ क्षिप्तं वटबीजं प्रवर्धते ।
जलयोगात् यथा दानात् पुण्यवृक्षोऽपि वर्धते ॥
इस श्लोक का अर्थ है जिस तरह धरती में बोया हुआ वटवृक्ष का बीज पानी के संपर्क में आने से बढता है उसी तरह पुण्य रूपी वृक्ष भी दान धर्म करने से बढता है।
दान को लेकर कुछ लोग सोचते हैं कि सिर्फ किसी कि पैसों से मदद ही दान होता है लेकिन ऐसा नही है। दान धर्म सिर्फ पैसों का ही नही बल्कि कई और तरह का भी होता है जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। वैसे तो 5 महादान जैसे गौ दान, कन्या दान, भूमि दान, विद्या दान और अन्न दान को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है लेकिन इसके अलावा भी कई दान है जैसे धातु दान, क्षमा दान, अभय दान, वस्त्र दान आदि। इतने सारे दानों के नाम सुनकर आपके मन में भी ये सवाल जरुर आया होगा कि इन सभी दानों में से सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai)? आइये जानते है।
दान क्या है? दान कर अर्थ
आपने कभी न कभी अपने बड़ों से सुना होगा कि सबको दान करना चाहिए, तब आपके मन में ये सवाल जरुर आया होगा कि दान क्या है? दान का सही अर्थ क्या है? और सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai)?
दान का अर्थ है ‘देने की क्रिया’ अर्थात किसी जरुरतमंद और परेशान व्यक्ति की किसी न किसी रूप से मदद करना। दान में कोई भी चीज देने के बाद उस पर देने वाले व्यक्ति का कोई अधिकार नही होता है।
सनातन धर्म में सदियों से दान को जीवन का एक महत्वपूर्ण और जरुरी कर्म माना माना गया है। जब बिना किसी मंशा के, बिना किसी स्वार्थ के, बिना अपना नाम किए किसी की किसी भी रूप में मदद की जाती है तो उसे दान कहते है। दान करना विशेषकर गुप्त दान यानी बिना किसी को कुछ भी पता चले, किया जाता है वो कल्याणकारी माना जाता है। ऐसा माना है जो दान करते हैं उनके द्वारा भूलवश किए पाप नष्ट हो जाते है और पुण्य कर्म बढ़ते जाते है।
कुछ लोग सोचते हैं घर की फालतू चीज़ों को किसी गरीब को देकर दान कर रहे है लेकिन ऐसा नही है। जो चीज इस्तेमाल करने लायक नही है उसको देना दान नही माना जाता है। ऐसे किए गए दान मान्य नही होते है। दान तन मन धन किसी भी रूप में कभी भी किया जा सकता है।
जैसा इस श्लोक में कहा गया है:
स्वधर्मे स्थिरता स्थैर्यं धैर्यमिन्द्रियनिग्रहः ।
स्नानं मनोमलत्यागो दानं वै भूतरक्षणम् ।।
श्लोक के अनुसार व्यक्ति का अपने धर्म में स्थिर, अड़िग रहना स्थिरता है, अपनी सभी इन्द्रियों को अपने नियंत्रण में रखना धैर्य है, अपने मन को बुरे विचारो से बचाए रखना स्नान है और सभी जीवों की रक्षा करना दान है।
इस श्लोक को अगर गहराई से समझा जाए तो दान अवसर यानी समय अनुसार होना चाहिए। अगर सर्दी के मौसम में आप किसी को दान देना चाहते हैं तो कम्बल दे। अगर कोई गरीब किसान पैसों की कमी की वजह से बेहाल है तो अर्थ दान करे यानी पैसों की मदद करना करे। यानी दान वो है जो जरुरतमंद व्यक्ति की परेशानी को दूर कर सके।
जब व्यक्ति दान के महत्व को समझ जाता है तो वो इस सोच में पढ़ जाता है कि क्या दान करना चाहिए और सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai) है?
आपके हर सवाल का जवाब आपको इस पोस्ट में मिलने वाला है इसलिए पोस्ट के अंत तक जरुर बने रहे।
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सबसे बड़ा दान क्या है? यह है 7 महादान (Sabse Bada Daan Kya Hai)
शास्त्रों के अनुसार दान पुण्य ईश्वर को पाने का और उनका आशीर्वाद अपने ऊपर बनाए रखने का पुण्यदायी कार्य है। इस कर्म को करने से घर में हमेशा सुख शांति और बरकत बनी रहती है। इस धरती पर जन्मे हर व्यक्ति का परम धर्म है कि वो अपने व्यस्तम जीवन में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए थोडा समय जरुर निकाले।
सबसे बड़ा दान क्या है? ये सवाल बहुत लोगों के मन में होते है, आपके मन में भी होगा। मेरे हिसाब से हर दान सबसे बड़ा है। सबका अपना अपना महत्व है और सभी दान करने से पुण्य मिलता है लेकिन हाँ कुछ दान ऐसे भी है जिन्हें विशेष और महान माना गया है।
आज हम आपको कुछ खास दान के प्रकार बताने वाले है और उनमें से सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai) ये भी बताने वाले है।
1) भूमि दान
भूमि दान का महत्व पुराने समय से चला आ रहा है। पहले के ज़माने में राजा महाराजा अपने राज्य के श्रेष्ठ और गुणी लोगों को, ब्राह्मणों को भूमि दान दिया करते थे। आज वो समय तो रहा नही लेकिन आज भी व्यक्ति भूमि दान कर सकता है। व्यक्ति अपने सामर्थ्य अनुसार स्कूल के लिए, कॉलेज के लिए, गार्डन के लिए, धर्मशाला बनाने के लिए, गौशाला बनाने के लिए, आश्रम आदि बनाने के लिए अपनी जमीन दान कर सकते है।
ये दान श्रेष्ठ हैं क्यूंकि इस तरह का दान सिर्फ एक व्यक्ति को नही बल्कि हजारो व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी होता है। कुछ लोगों के लिए सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai) का जवाब भूमि दान है।
2) गौदान
गौ दान हिन्दू धर्म में श्रेष्ठ दानों मे से एक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जीवन में एक बार किया गया गौ दान व्यक्ति का लोक और परलोक दोनों सुधार देता है और उसे जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। ऋग्वेदानुसार जो व्यक्ति गौदान करता है उस व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात् वैतरणी पार करने में कष्ट नही होता है और उसे स्वर्गलोक में बहुत उत्तम और उच्च स्थान मिलता है।
ऐसा भी माना जाता है कि इस दान को करने से हमारे पूर्वर्जों को भी मोक्ष मिल जाता है। श्री कृष्णा ने अपने अवतार जीवन में गौ माता की सेवा करके उनकी महिमा स्पष्ट कर दी थी। इस कलयुग में गौदान सबसे उत्तम और कल्याणकारी माना गया है। कह सकते है सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai) का उत्तर गौदान भी है।
3) अन्न दान
कुछ लोगों के लिए सबसे बड़ा दान क्या है का उत्तर है भूखे का पेट भरना। ये वो दान है जिसमें थोडा सा दान भी एक व्यक्ति का जीवन बचा सकता है। आपका दिया थोडा सा भोजन किसी भूख से तपड रहे व्यक्ति को तृप्त कर देगा। आज के युवा इस महत्व को बहुत अच्छे से समझते हैं इसलिए समय समय पर जरुरत मंदों को भोजन कराते है। कई मंदिर और गुरूद्वारे इस कर्म को सालो से निभा रहे है। गरीब और जरुरत मंद लोगों के लिए सबसे बड़ा दान क्या है का जवाब है अन्न दान क्यूंकि उनका पेट भरेगा।
4) कन्या दान
बेटी के माता पिता के लिए कन्या दान दुनिया का सबसे बड़ा दान है। सनातन धर्म में कन्या दान सर्वोतम है। ये दान माता पिता द्वारा बेटी के विवाह में उस समय किया जाता है जब वो वर को अपनी बेटी का हाथ देते हुए कन्या दान करते है और बेटी के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियां वर को दे देते है। ये दान सबसे बड़ा दान क्या है का एक उत्तर हो सकता है।
5) विद्या दान
सदियों से हिन्दू धर्म में गुरु और शिष्य परंपरा को श्रेष्ठ माना गया है। प्राचीन समय में जितने भी महाराजा रहे है यहाँ तक कि श्री राम और उनके भाइयो ने भी गुरु के आश्रमों में रह कर विद्या ग्रहण की थी। विद्या कितनी जरूरी है ये श्री राम ने स्वयं ग्रहण करके साबित कर दी। ये दान आज के समय की सबसे बढ़ी आवश्यकता है। किसी को विद्या का दान देने का मतलब है उसका भविष्य सुधारना।
एक व्यक्ति अगर किसी भी एक गरीब बच्चे की विद्या का भार उठा ले तो आने वाला समय देश के लिए गौरवशाली और उन्नत होगा। जैसा सभी जानते है ये वो दान है जो बाटने से बढता है। कह सकते है कि आज की परिस्थिति के हिसाब से सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai)का जवाब विद्या दान। विद्या दान उन बच्चों के लिए है जो शिक्षा पाना चाहते है लेकिन पैसों की कमी की वजह से स्कूल नही जा पाते।
6) वस्त्र दान
किसी जरुरत को वस्त्र दान करना भी एक महादान माना गया है। व्यक्ति को समय समय पर जरुरतमंद लोगों को कम्बल, कपडे, चप्पल आदि दान करने चाहिए। वैसे तो ये दान कभी भी किया जा सकता है लेकिन मंगलवार को वस्त्र दान करना बहुत शुभ होता है। ऐसा माना जाता है वस्त्र दान करने से आर्थिक स्थिति हमेशा अच्छी बनी रहती है।
वस्त्र दान करे तो अच्छे और उसी स्तर के वस्त्र दान करे जो आप स्वयं पहनते हैं। बेकार, फटे और ख़राब वस्त्र कभी भी दान नही करना चाहिए। जिनके पास ठण्ड में ओड़ने को कम्बल नही है उनके लिए सबसे बड़ा दान क्या है का उत्तर वस्त्र दान ही होगा क्यूंकि कम्बल उन्हें ठण्ड से बचाएगा।
6) धातु दान
धातु दान दान उसी को दे जो उसका इस्तेमाल करे न कि आपसे लेकर उसे कचरे में फालतू पड़े रहने दे और ये दान विशेष दशाओं में करना ही उत्तम माना जाता है। ऐसा माना जाता है जो सोने का दान करते है उनको राज्य पद मिलने की सम्भावना होती है। अगर व्यक्ति चांदी दान करता है तो उसका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। लोहे का दान करने से जॉब से सम्बंधित आ रही बाधाएं दूर होती है। भक्ति में लीन रहने वालो के लिए मंदिरों में धातु दान करना सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai) का उत्तर है।
दान क्यों करना चाहिए? दान करने के फायदे
सबसे बड़ा दान क्या है ये तो सवाल है ही, साथ ही ये भी सवाल सबके मन में जागता है कि दान क्यों करना चाहिए। सरल शब्दों में कहे दान वर्तमान के कलयुग में पुण्य पाने का और मृत्यु के बाद मोक्ष पाने का सबसे उत्तम और सरल उपाय है।
- दान विशेषकर गौदान करने से व्यक्ति को मरने के बाद स्वर्ग तक पहुचने के लिए वैतरणी पार करने में कठिनाइयाँ नही झेलनी पड़ती हैं।
- दान से सुख समृद्धि मिलती है
- घर में सुख शांति आती है
- व्यक्ति द्वारा भूलवश किए गए पापो से मुक्ति मिल जाती है
- सांसारिक मोह माया से मुक्ति मिल जाती है
- ग्रहों की वजह से हो रही पीड़ा से व्यक्ति को आराम मिलता है
सहयोग अर्थात मदद बिना स्वार्थ के की जा सकती है लेकिन मदद किसी मंशा से भी की जा सकती है और काम पूरा होने पर वो चीज़ वापिस भी ली जा सकती है ।
उम्मीद है इस पोस्ट को पढने के बाद आपको सबसे बड़ा दान क्या है (sabse bada daan kya hai)का जवाब मिल गया होगा।
Frequently Asked Questions
Question 1: दान कब करना चाहिए?
दान किसी भी समय किया जा सकता है परन्तु बिना किसी फल की इच्छा किये दान करना सबसे लाभदाई होता है। अगर सुबह स्नान करने दान किया जाए तो फलदाई है। दोपहर के वक्त भोजन दान किया जाए तो भी फलदायी है। कह सकते है परिस्थिति के अनुसार दान करना चाहिए।
Question 2: गुप्त दान क्या है? गुप्त दान का महत्व क्या है?
गुप्त दान अर्थात वो दान जिसके बारे में किसी को पता न चले और जिस दान का कही कोई जिक्र न हो उसे गुप्त दान कहते है। ऐसा माना जाता है इस दान से व्यक्ति को पापकर्मो से मुक्ति मिलती है।
Question 3: दान और सहयोग में क्या अंतर है?
दान वो है जो निस्वार्थ किया जाता है और एक बार दिया गए दान पर व्यक्ति का अधिकार नही होता है। सहयोग भी मदद का दूसरा शब्द है परन्तु सहयोग में जरुरी नहीं की कुछ वस्तु सामने वाले को दिए जाए।
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