हर साल हम रक्षा बंधन मानते है पर रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है (raksha bandhan kyu manaya jata hai) और क्या है इसका इतिहास यह जानना बोहोत जरूरी है। मनुष्य के जीवन काल में कई रिश्ते बनते है जैसे माता -पिता, भाई -बहन ,दादा -दादी आदि । इन रिश्तों में भाई बहन का रिश्ता बहुत ही पवित्र माना गया है । भले ही भाई बहन एक दूसरे से लड़ते झगड़ते है परन्तु उनके बीच अटूट प्रेम होता है और इस प्रेम को प्रदर्शित करने वाला पर्व है रक्षा बंधन । रक्षा बंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है ।
इस पर्व पर भाइयों की कलाई पर बहनों द्वारा राखी बाँधी जाती है और भाई अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देता है । यह पर्व सभी लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते है । लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि यह रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है (raksha bandhan kyu manaya jata hai)? आखिर इस पर्व का महत्व क्या है ? आपको इस लेख द्वारा रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ दिलचस्प तथ्य बताए जाएंगे।
1) रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? (Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai)
यह पर्व इस बात को याद दिलाता है कि प्रत्येक भाई को अपनी बहन की सदैव रक्षा करनी है । इस दिन सभी बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है और उनके लिए मंगल कामना करती है । वह एक थाल में भाई के पूजन के लिए पूजन सामग्री रखती है ।
भाई के माथे पर बहन तिलक लगाती है और उनकी आरती उतारती है । साथ ही रक्षा सूत्र को कलाई पर बांधकर मिठाई खिलाती है । रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों की दीर्घ आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करती है । इसके बदले में भाई उनकी हमेशा रक्षा करने का वचन देता है । इस तरह हर घर में इस पावन पर्व को मनाया जाता है ।
2) रक्षा बंधन का महत्व – Importance/Significance of Raksha Bandhan
रक्षा बंधन का अर्थ होता है – “किसी को अपनी रक्षा हेतु बंधन में बांधना”। यह पर्व केवल भाई बहन के प्रेम को प्रदर्शित करने तक सीमित नहीं रह गया है । आज यह देश रक्षा, हितों की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, समाज रक्षा आदि के लिए भी मनाया जाने लगा है ।
आपको बता दे कि रक्षा बंधन का यह पर्व हजारों साल पुराना है और इसका अपना ही महत्त्व है । प्राचीन काल से इस पर्व को मानने की प्रथा चली आ रही है । इस पर्व से जुड़ी कुछ मान्यताये निम्न है ।
कृष्ण और द्रौपदी (Raksha Bandhan Krishna and Draupadi)
रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है (raksha bandhan kyu manaya jata hai) और क्या है रक्षा बंधन का इतिहास में पहला तथ्य है भगवान श्री कृष्ण और द्रौपदी का।
उल्लेख है कि भगवान श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र द्वारा शिशुपाल का जब वध किया तो उनकी अंगुली में चोट लग गयी थी । जिससे रक्त बहने लगा था । उस समय द्रौपदी ने अपनी साड़ी का कुछ हिस्सा फाड़कर भगवान कृष्ण की अंगुली पर बांध दिया । तब से द्रौपदी कृष्ण की मुँहबोली बहन बन गयी और भगवान कृष्ण ने सदैव उनकी रक्षा करने का वचन दिया । इसलिए चीरहरण के दौरान भगवान् कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की थी ।
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राजा बलि और माता लक्ष्मी (Raja Bali Aur Mata Lakshmi)
रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है (raksha bandhan kyu manaya jata hai) और क्या है रक्षा बंधन का इतिहास में अगला तथ्य है राजा बलि और माता लक्ष्मी का।
पुराणों के अनुसार जब राजा बलि से भगवान विष्णु ने तीनों लोक का अधिकार ले लिया था। तब बलि ने विष्णु जी से पाताल लोक में अपने महल में निवास करने के प्रार्थना की थी । विष्णु जी ने उनका यह आग्राह स्वीकार कर लिया और माता लक्ष्मी के साथ वही निवास करने लगे ।
माता लक्ष्मी को बलि और विष्णु जी की मित्रता पसंद नहीं आ रही थी । इस दौरान उन्होंने राजा बलि की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और उन्हें अपना भाई बना लिया । बलि ने माँ लक्ष्मी से इसके बदले में उपहार मांगने को कहा । तब माँ लक्ष्मी ने बलि से उपहार स्वरुप भगवान विष्णु को उनके महल में निवास करने के वचन से मुक्त करने को कहा । बलि ने माँ लक्ष्मी की इस बात को स्वीकार कर लिया ।
युद्ध में विजय का सूचक है रक्षासूत्र
रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है (raksha bandhan kyu manaya jata hai) और क्या है रक्षा बंधन का इतिहास में अगला तथ्य है देवराज इन्द्र की पत्नी सची और भगवान विष्णु का।
पुराणों के अनुसार एक बार राजा बलि और देवराज इन्द्र के मध्य युद्ध हो रहा था । इस युद्ध से देवराज इन्द्र की पत्नी सची को बहुत चिंता होने लगी और अपने पति की रक्षा हेतु वह मदद के लिए भगवान विष्णु के पास गयी । भगवान विष्णु ने उन्हें एक धागा प्रदान किया और कहा कि इसे अपने पति की कलाई पर बांध दे । सची ने ऐसा ही किया । जिसके कारण देवराज इंद्र की विजय हुयी । तभी से युद्ध पर जाने से पहले पत्नियाँ अपने पति को और बहनें अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती है ।
आपको बता दे कि आज के युग में रक्षाबंधन के दिन केवल बहन भाई को रक्षा सूत्र नहीं बांधती । इस दिन बुआ अपने भाई के साथ भतीजों को, बहनें भाई के साथ भाभियों, माता के द्वारा अपने पुत्रों आदि को भी राखी बांधने का चलन है।
3) रक्षा बंधन २०२२ दिनांक और मुहूर्त
2022 वर्ष काल में रक्षा बंधन के पर्व को लेकर लोगों में थोड़ा असमंजस है कि रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जायेगा या फिर 12 अगस्त को ।
रक्षाबंधन का समय 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो रहा है जो कि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक रहेगा । श्रावण शुरू होने के साथ साथ भद्रा तिथि भी लग रही है जो कि 11 अगस्त को रात 8 बजकर 35 मिनट तक रहने वाली है । इसलिए इस दिन रक्षा सूत्र बांधने का मुहूर्त कम समय का होगा ।
रक्षाबंधन मनाने का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त -: दोपहर 12:06 से लेकर 12:57 तक
अमृत काल -:शाम 6:55 से लेकर रात 8 :20 तक
ब्रह्म मुहूर्त -: सुबह 04.29 से लेकर 5.17 मिनट तक
उपरोक्त लेख से आप समझ गए होंगे कि रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है (raksha bandhan kyu manaya jata hai)? इस पर्व को अपने परिवार के साथ हर्षोउल्लास से मनाये और खुशियां बाँटे ।
Frequently Asked Questions
Question 1: रक्षाबंधन के दिन क्या किया जाता है ?
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रेशम से बनी रक्षासूत्र अर्थात राखी बांधती है । और उनके स्वथ्य रहने की कामना करती है ।
Question 2 : रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है ? (raksha bandhan kyu manaya jata hai)
रक्षा बंधन का अर्थ होता है । किसी को अपनी रक्षा के लिए बंधन में बांधना । यह पर्व प्रत्येक भाई को अपनी बहन की रक्षा करने का वचन याद दिलाता है ।
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