आचार्य चाणक्य का राजनीति, अर्थशास्त्र और कूटनीतिक ज्ञान आज भी कई लोगों को प्रेरणा देता है। आज भी लोग सफलता पाने के लिए चाणक्य द्वारा बताई नीतियों को अपनाकर आगे बढ़ते हैं। नीतिशास्त्र में बताए गए सभी श्लोक आज भी लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। उन्होंने अपने शास्त्र में लोगों को बताया कि अगर व्यक्ति को सफल होना है तो उसे क्या करना चाहिए, कैसे स्थान पर रहना चाहिए, कैसे लोगों से दूर और कैसे लोगों के करीब रहना चाहिए।
चाणक्य जी के बारे में जैन पुराण, वायु पुराण, विष्णु पुराण, मुद्राराक्षस आदि में भी उल्लेख मिलता है। आज की पोस्ट में हम चाणक्य नीति के अनमोल वचन (quotes by chanakya in hindi) जानने वाले है, इस पोस्ट में बताये गए चाणक्य के अनमोल वचन आज भी जीवन के कई पहलुओं में सही साबित होते है। चाणक्य के अनमोल वचन (quotes by chanakya in hindi) जानने से पहले हम जान लेते हैं कि चाणक्य कौन थे।
चाणक्य कौन थे? Chanakya Kaun The?
आचार्य चाणक्य एक योग्य शिक्षक और चतुर एवं श्रेष्ठ विद्वान थे। उनके बचपन का नाम विष्णु गुप्त था तथा चाणक्य के पुत्र होने के कारण वे चाणक्य कहलाये, इसके साथ ही उन्हें कौटिल्य नाम से भी जाना जाता है। उनकी शिक्षा तक्षशिला विश्वविद्यालय में हुई तथा बाद में वे उसी विश्वविद्यालय में राजनीति विषय के आचार्य भी बने। उनका जीवन प्रारम्भ से ही परेशानियों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने इन परेशानियों का कुशलता से सामना किया।
अपनी दूरदृष्टि, राजनैतिक समझ, धैर्यशीलता और चतुरता के द्वारा ही नन्द वंश की पराजय हुई तथा चंद्र गुप्त मौर्य के नेतृत्व में मौर्य वंश की स्थापना हुई। इस राज्य के महामंत्री पद का भार आचार्य चाणक्य ने संभाला। उनकी मृत्यु के बारे में विद्वानों में मतभेद है, परन्तु यह मान्य तथ्य है कि वे चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार के राज्याभिषेक के काल तक जीवित रहे थे।
आइए जानें चाणक्य नीति के 11 अनमोल वचन। (quotes by chanakya in hindi)
चाणक्य नीति के अनमोल वचन (Quotes By Chanakya In Hindi)
1) श्लोक
अधीत्येदं यथाशास्त्रं नरो जानाति सत्तमः।
धर्मोपदेशविख्यातं कार्याकार्यं शुभाशुभम्।।
भावार्थ:
चाणक्य इस श्लोक के द्वारा कहते हैं कि जो व्यक्ति शास्त्रों में लिखे सूत्रों का निरंतर अभ्यास करके उसमें निहित ज्ञान को अपने जीवन में अपनाता है, उसे ही परम कर्तव्यों का सही मायने में ज्ञान होता है। वह सही और गलत में, अच्छाई और बुराई में अंतर करना सीख जाता है। उन्हें ये भी पता चल जाता है कि कौन सी बात अनुसरण करने लायक है और कौन सी नहीं।
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2) श्लोक
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च।
दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति।।
भावार्थ:
चाणक्य इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में कहते हैं कि किसी मुर्ख को उपदेश देकर, किसी दुष्ट पत्नी का पालन पोषण कर और अपनी ज़िन्दगी से दुखी व्यक्ति से दोस्ती और सम्बन्ध बनाकर रखने वाला पंडित भी स्वयं दुखी होकर बहुत कष्ट झेलता है, अर्थात मूर्खों, दुखी लोगों और दुष्ट पत्नी से दूर रहने में ही भलाई है। जिनके जीवन में ये सब हैं उनका जीवन कष्ट और मुसीबतों से घिरा रहा है।
3) श्लोक
आपदर्थे धनं रक्षेद्दारान् रक्षेद्धनैरपि।
आत्मानं सततं रक्षेद्दारैरपि धनैरपि।।
भावार्थ:
इस श्लोक के द्वारा चाणक्य कहना चाहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा ज़िन्दगी में आने वाली मुसीबतों से बचने के लिए धन बचाके रखना चाहिए। जरूरत पड़े तो उसे कष्ट, दुःख और पीड़ा झेल रही पत्नी की रक्षा के लिए सम्पूर्ण धन संपदा त्याग देना चाहिए लेकिन यदि व्यक्ति की आत्मा की सुरक्षा पर बात आ जाए तो उसे सम्पति और पत्नी दोनों को ही इसके आगे कम जरूरी समझना चाहिए। यदि व्यक्ति स्वयं सुरक्षित रहेगा तो ही वो अपने परिवार की रक्षा कर पाएगा।
4) श्लोक
आपदर्थे धनं रक्षेच्छ्रीमतां कुत आपदः।
कदाचिच्चलते लक्ष्मीः सञ्चितोऽपि विनश्यति।।
भावार्थ:
इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में चाणक्य कह रहे हैं कि व्यक्ति को कभी भी ऐसा नहीं समझना चाहिए कि उसे मुसीबत के लिए पैसा जोड़ने की क्या जरुरत है वो तो अमीर है क्योंकि जब व्यक्ति पर मुसीबतें आती है तब उसके पास जो भी धन होता है वह भी तेजी से कम होने लगता है, अर्थात परेशानियाँ कभी भी कहकर नहीं आती। व्यक्ति को स्वयं ही भविष्य में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए तैयार रहना चाहिए।
5) श्लोक
यस्मिन्देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासं तत्र न कारयेत्।।
भावार्थ:
इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में चाणक्य कह रहे हैं कि व्यक्ति को कभी भी ऐसे देश में नहीं रहना चाहिए जहाँ उसकी इज्जत न हो, जहाँ कमाई के लिए उसको कोई रोजगार न मिल रहा हो, जहाँ उसके मित्र न हो और खासकर ऐसी जगह जहाँ पर उसे कोई भी ज्ञान न मिल रहा हो। इन सभी जगहों पर व्यक्ति विकास नहीं करता बल्कि और नीचे गिरता जाता है। इज्जत के साथ काम करके और ज्ञानी लोगों के बीच रहकर व्यक्ति हमेशा कुछ न कुछ सीखता जाएगा और ये सीख उसे उन्नति के रास्ते पर ले जाएगी।
6) श्लोक
धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसं वसेत्।।
भावार्थ:
इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में चाणक्य कह रहे हैं कि जहाँ पर पांच चीजें जैसे अमीर व्यक्ति, गुणी ब्राह्मण जिन्हें शास्त्रों और वेदों का पूर्ण ज्ञान हो, एक राजा, नदी और जहाँ पर कोई वैद्य या चिकित्सक न हो, ऐसी जगह पर व्यक्ति को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए। जहाँ पर अमीर व्यक्ति रहते हैं उस जगह पर रोजगार पाने के अवसर ज्यादा होते हैं और वहां की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती है। जहाँ पर गुणी लोग होंगे, वहां पर पाप और भ्रष्टाचार नहीं होगा।
जहाँ पर सशक्त राजा होगा वहां के लोग नियम अनुसार चलेंगे और सुरक्षित रहेंगे। जहाँ नदी होगी वहां पर पानी की समस्या कभी नहीं होगी और जहाँ पर चिकित्सक होगा वहां पर बिमारियों का इलाज आसानी से हो जाएगा।
7) श्लोक
लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संस्थितिम्।।
भावार्थ:
इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में चाणक्य कह रहे हैं बुद्धिमान व्यक्ति वह है जो ऐसे देश जहाँ पर कमाई के लिए रोजगार न हो, लोगों को किसी भी बात का डर न हो, जहाँ लोगों को शर्म न आती हो, जहाँ के लोग बुद्धिमान न होकर मुर्ख हों और जहाँ लोग दान धर्म न करते हों वहां न जाए। जहाँ रोजगार नहीं होगा वहां पर जीवनयापन करना बहुत मुश्किल होगा।
जहाँ पर लोगों को गलत काम करने पर सजा पाने का कोई डर नहीं होगा वहां भ्रष्टाचार चरम सीमा पर होगा। जहाँ पर मूर्खों का बसेरा होगा और दान धर्म नहीं होगा वह क्षेत्र कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएगा।
8) श्लोक
जानीयात्प्रेषणे भृत्यान्बान्धवान् व्यसनागमे।
मित्रं चापत्तिकालेषु भार्यां च विभवक्षये।।
भावार्थ:
इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में चाणक्य जी कह रहे हैं कि व्यक्ति को अपने नौकर की परीक्षा तब लेनी चाहिए जब वह अपना काम, अपना कर्तव्य न निभा रहा हो अर्थात जब किसी नौकर को कोई काम की जिम्मेदारी दी जाती है, तब उसके द्वारा किए गए काम से उसकी क्षमता और प्रतिभा पता चलती है। ऐसे में अगर वह सौंपे गए काम को सही तरीके से नहीं कर रहा तो वह आपके कार्यक्षेत्र के लिए सही नहीं है।
अपने रिश्तेदार की परीक्षा तब लेनी चाहिए, जब आप किसी बड़ी मुसीबत में फंसे हुए हों क्योंकि सच्चे रिश्तेदार वह हैं जो मुसीबत आपकी ओर आते देख आपके साथ खड़े हो जाए और अगर वह आपके साथ नहीं हैं तो वह स्वार्थी हैं और आपको उनसे कोई आशा नहीं रखनी चाहिए।
जब आप मुसीबतों से घिरे हो और सभी परिस्थितियां आपके विरुद्ध हो तब दोस्त की परीक्षा लेनी चाहिए क्योंकि सच्चा मित्र वह है जो अच्छे और बुरे समय में आपके साथ हो। जब आपका वक्त बुरा चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा लेनी चाहिए अर्थात अगर उसका बर्ताव बुरे वक्त में आपके प्रति बदलकर बुरा हो जाए तो वह आपकी सच्ची साथी नहीं है। जो व्यक्ति लोगों को पहचानना सीख जाता है वह ही सुखी रहता है।
9) श्लोक
वरयेत्कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाहः सदृशे कुले।।
भावार्थ:
इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में वे कह रहे हैं कि वह व्यक्ति बुद्धिमान कहलाता है जो ऐसी कन्या से विवाह करता है जो भले ही सुंदर न हो परन्तु इज्जतदार घराने से हो। व्यक्ति का बाहरी सुन्दरता में आकर किसी गरीब या हीन परिवार की कन्या से विवाह करना अनुचित है। वे मानते हैं कि बराबरी वाले घर की कन्या से विवाह करना ही उचित होता है। विवाह हमेशा अपने कुल के हिसाब से ही करना चाहिए।
10) श्लोक
नदीनां शस्त्रपाणीनांनखीनां शृङ्गिणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्यः स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
भावार्थ:
आचार्य चाणक्य जी इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) में कहते हैं कि कभी भी नदी या ऐसे व्यक्ति जिनके पास अस्त्र शस्त्र यानी हथियार हो, जानवरों और भोली दिखने वाली स्त्री और राज घराने के लोगों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। नदियों का बहाव कभी भी तेज हो जाता है जिससे पुल टूट जाते हैं।
जिनके पास हथियार होते है वह दोस्त होने पर भी थोड़ा सा झगडा होने पर हथियार उठा सकते है, सींग और नुकीले नाखून होने के कारण जानवर कभी भी घातक हो सकते हैं और राज परिवार के लोग राजा बनने की चाहत में किसी को भी धोखा दे सकते हैं।
11) श्लोक
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः।।
भावार्थ:
चाणक्य जी इस श्लोक (quotes by chanakya in hindi) के ज़रिए महिलाओं में निहित ताकत में बारे में बता रहे है। वह कहते हैं स्त्रियों में पुरुषों के मुकाबले कई ज्यादा गुण होते हैं। वह पुरुषों से दो गुना ज्यादा खा सकती है, उनमें पुरुषों के मुकाबले चार गुना ज्यादा शर्म होती है, उनमें पुरुषों से छ: गुना ज्यादा साहस होता है।
इन्हीं गुणों के कारण स्त्रियों को माँ शक्ति का रूप माना जाता है। वह कहते है कि स्त्रियों में काम इच्छा भी पुरुषों से ज्यादा होती है लेकिन शर्म, संस्कार और परिवार के प्रति जिम्मेदारियों के कारण वह उसे उजागर नहीं होने देती।
आप चाणक्य जी द्वारा बताए कौन से quotes by chanakya in hindi से ज्यादा प्रभावित हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा।
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