fbpx

पंचमुखी हनुमान कवच – Panchmukhi Hanuman Kavach PDF, Lyrics & Benefits

हनुमान जी का सबसे प्रमुख रूपों में से एक रूप पंचमुखी हनुमान (Panchmukhi Hanuman Ji) का है। यह उनका वह रूप है जिसमे भगवान हनुमान के पांच मुख अलग अलग दिशा की ओर देखते हैं, और हर मुख की अपनी एक मान्यता है और सबका अलग महत्व है। इनकी पूजा करने के लिए हम इसहनुमान कवच का अध्ययन करते हैं और प्रतिदिन ये पाठ करने के लिए Panchmukhi Hanuman Kavach PDF आपके काफी काम आएगा।

पंचमुखी हनुमान के 4 मुख भगवान विष्णु के भिन्न रूप हैं, और हनुमान जी का मुख बीच में आता है। इनके इस अवतार के 5 मुख हयग्रीव, नरसिम्हा, गरुड़, वराह, हनुमान के हैं।

Panchmukhi Hanuman Kavach Lyrics (हनुमान कवच पाठ हिंदी में)

यह कवच बहुत ही शक्तिशाली हनुमान स्तोत्र है। ऐसा माना जाता है की यदि कोई इस कवच को प्रतिदिन पढ़े तो वह साड़ी बुरी शक्तियों से अपने आप को बचा सकता है।

Click here 👉 Panchmukhi Hanuman Kavach PDF Hindi Download

https://www.youtube.com/watch?v=KIf8uI065IE
Panchmukhi Hanuman Kavach in Hindi Lyrics

भगवान हनुमान जी का स्मरण करते हुए चलिए उनके इस कवच को प्रारम्भ करते हैं।

।। श्री हनुमान कवच मंत्र ।।

।। श्री गणेशाय नम: ।।

।। ॐ श्री हनुमते नमः ।।

ॐ अस्य श्रीपञ्चमुख हनुमतकवच मंत्रस्य ब्रहमा ऋषि: ।
गायत्री छंद्: । श्रीपञ्चमुख विराट हनुमान देवता| ह्रीम बीजम् ।
श्रींम शक्ति:। क्रौ कीलकम्। क्रूं कवचम्। क्रै अस्त्राय फ़ट् ।

।। इति दिग्बंध्: ।।

।। श्री गरुड़ उवाच ।।

अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि श्रुणु सर्वांगसुंदरम् । यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमत्: प्रियम् ।।
पञ्चवक्त्रं महाभीमं त्रिपंच नयनैर्युतम् । बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिध्दिदम् ।।

पूर्वतु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभम् । दंष्ट्राकरालवदनं भ्रुकुटी कुटिलेक्षणम् ।।
अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम् । अत्युग्रतेजोवपुष्पं भीषणम भयनाशनम् ।।

पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम् । सर्वनागप्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम् ।।
उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दिप्तंनभोपमम् । पाताले सिंह बेतालं ज्वररोगादिकृन्तनम ।।

ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम् । येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यमं महासुरम् ।।
जघानशरणं तस्यात्सर्वशत्रुहरं परम् । ध्यात्वा पंचमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम् ।।

खड्गं त्रिशुलं खट्वांगं पाशमंकुशपर्वतम् । मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं ।।
भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रा दसभिर मुनिपुंगवम् । एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम् ।।

प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरण्भुषितम् । दिव्यमाल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानुलेपनम ।।
सर्वाश्चर्यमयं देवं हनुमद् विश्वतोमुखम् ।

पंचास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्ण वक्त्रं शशांकशिखरं कपिराजवर्यम् ।
पीताम्बरादिमुकुटैरूप शोभितांगं पिंगाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि ।।
मर्कटेशं महोत्साहं सर्वशत्रुहरं परम् । शत्रुं संहरमां रक्ष श्री मन्नापदमुध्दर ।।

ओम हरिमर्कट मर्कट मंत्रमिदं परिलिख्यति लिख्यति वामतले ।।
यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुंच्यति मुंच्यति वामलता ।।

ओम हरिमर्कटाय स्वाहा ओम नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा ।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाहा ।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरूडाननाय सकलविषहराय स्वाहा ।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा ।
ओम नमो भगवते पंचवदनाय उर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा ।

ॐ अस्य श्री पञ्चमुखहनुमत् मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषि: अनुष्टुपछन्दः पञ्चमुख वीर हनुमान देवता हनुमान इति बीजं वायुपुत्रः
इति शक्तिः अंजनी सूत इति कीलकम श्रीरामदूत हनुमत प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।

ॐ अंजनी सुताए अङ्गुष्ठाभ्यां नमः । हृदयाय नमः ।
ॐ रुद्रमूर्तये तर्जने भयाम नमः । शिरसे स्वाहा ।
ॐ वायु पुत्राये तर्जनीभ्यां नमः । शिखायै वौषट ।
ॐ अग्निगर्भये अनामिकाभ्यां नमः । कवचाय हुम् ।

ॐ रामदूताय कनिष्ठिकाभ्यां नमः । नेत्रत्रयाय वौषट ।
ॐ पंचमुख हनुमते करतलेपृष्ठाभ्यां नमः ।अस्त्राय फट ।
इदं कवचं पठित्वा तु महाकवचं पठेन्नरः ।
एकवारं जपे स्त्रोत्रं सर्वशत्रुनिवारणम् ।।

द्विवारं तु पठेन्नित्यं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम् । त्रिवारं च पठेत नित्यं सर्वसंपत्करं शुभम ।।
चतुर्वारं पठेन्नित्यं सर्वरोगनिवारणम् । पञ्चवारं पठेन्नित्यं सर्वलोक वशमकरम् ।।

षड्वारं तु पठेन्नित्यं सर्वदेव वशमकरम् । सप्तवारं पठेन्नित्यं सौभाग्यदायकम् ।।
अष्टवारं पठेन्नित्यं सर्व अष्टकामार्थसिद्धिदम् । नववारं पठेन्नित्यं सर्वैश्वर्य प्रदायकम् ।।
दशवारं च पठेन्नित्यं त्रैलोक्य ज्ञानदर्शनम् । एकादशं पठेन्नित्यं सर्वसिद्धिं लभेन्नरः ।।

।। ओम श्रीपंचमुखहनुमंताय आंजनेयाय नमो नम: ।।

।। श्रीपञ्चमुखी हनुमत्कवच समाप्तं ।।

Panchmukhi Hanuman Kavach PDF (पंचमुखी हनुमान कवच PDF हिंदी में)

इस अत्यंत शक्तिशाली पंचमुखी हनुमान कवच स्तोत्र का PDF download करें नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से।

Click here 👉 Panchmukhi Hanuman Kavach PDF Hindi Download

2
Download Paavan Dharmik App

Hanuman Kavach Benefits

पंचमुखी हनुमान जी का यह कवच भक्तों को हर तरह की बुरी ताकत, डर और वास्तु दोषों से बचाके रखता है। इस स्तोत्रम में पंचमुखी हनुमान के हर मुख की प्रशंसा वर्णित है।

  1. पूर्व मुखी हनुमान, भक्तों को उनके दुश्मनो से बचाते हैं। वे आपकी हर मनोकामना प्रसन्नता से पूर्ण करेंगे।
  2. दक्षिण मुखी नरसिम्हा आपको निडर बनाएंगे और आपके सारे पाप हरके भूत प्रेत से लड़ने की शक्ति देंगे।
  3. पश्चिम मुखी गरुड़ आपके सारे रोगों का निवारण करेंगे।
  4. उत्तर मुखी वाराही आपको अष्ट ऐश्वर्य का आशीर्वाद देंगी।
  5. और हयग्रीव आपको अच्छे काम करने में सहायता करेंगे एवं आपको ज्ञान की प्राप्ति में सक्षम बनाएंगे।

जब भी भक्तजन इस कवच का अध्ययन करेंगे, वे हर बार ये पांचो गुणों को अपने भीतर पाएंगे।

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हमारी यही प्रार्थना है कि पंचमुखी हनुमान हम सब पर अपनी कृपा बनाये रखें।

जय श्री राम।।

आपको यह भी पसंद आएगा:

Hanuman Chalisa in Hindi PDF Download, Lyrics & Benefits

संकट मोचन हनुमान अष्टक – Benefits, Lyrics and PDF Download in Hindi

Subscribe To Our Well-Being Newsletter

Get your daily dose of motivation, mindfulness and well-being delivered directly to your inbox.

Related Posts

Paavan App

Become better, in just 10 minutes a day.

Enter the world of self-discovery and growth. Transform your relationships, career, health and self-care regime with:

✔️ Daily affirmations, stories & relaxing music

✔️ Guided meditations & mindfulness exercises

✔️ Expert-led programs & micro-courses

Trusted by 1M+ users | Rated 4.8 on Google Playstore