List of 51 Shakti Peethas: शक्ति पीठ कितने हैं इसको लेकर अलग अलग मान्यताएं हैं। कई शास्त्रों और पुराणों में माँ के शक्ति पीठ का उल्लेख है लेकिन इनकी संख्या को लेकर संशय बना रहता है। कुछ कहते हैं 51 शक्ति पीठ हैं, तंत्र चूड़ामणि में लिखा है कि कुल 52 शक्ति पीठ हैं और देवी भागवत पुराण में 108 शक्तिपीठ का वर्णन है। पुराणमहाभागवत, शिवचरित में 51 महा शक्ति पीठ का वर्णन है।
शक्ति पीठ क्या है?
शक्ति पीठ वो धाम है जहाँ पर सती माँ के अलग अलग स्वरूप के मंदिर हैं। हिन्दू धर्मानुसार जहाँ जहाँ माँ सती के अंग गिरे थे, वहां वहां शक्ति पीठ का उदय हुआ। इन 51 पवित्र धामों में से कुछ धाम भारत के अलावा हमारे पड़ोसी देशों में भी हैं। माँ के 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में माँ अलग अलग स्वरूप में विराजित हैं। आइए जानते है इन शक्ति पीठों के पीछे की कहानी।
51 शक्ति पीठ के पीछे की कथा
शास्त्रों के अनुसार एक समय ब्रह्मदेव ने भगवान शिव जी और देवी आदि शक्ति का आह्वान किया और उनको प्रसन्न करने हेतु यज्ञ किया। उनके यज्ञ से प्रसन्न होकर माता आदि शक्ति भगवान शिव से अलग होकर ब्रह्म देव के पास आई और उनके साथ ब्रह्मांड का निर्माण किया। इस कार्य के पूर्ण होने के बाद ब्रह्म देव ने माता को पुन: शिवजी को सौंपने का फैसला किया और इसके लिए उन्होंने अपने बेटे दक्ष से माता को अपनी पुत्री के रूप में पाने के लिए यज्ञ करने को कहा। यज्ञ सफल रहा और माता सती का जन्म हुआ।
ब्रह्म देव के पांचवे सिर को शिवजी ने उनके द्वारा बोले झूठ से क्रोधित होकर काट दिया था, इस बात से राजा दक्ष शिवजी से बैर लिए बैठे थे। वो माता सती और शिवजी के विवाह के विरुद्ध थे, लेकिन माता सती शिवजी से प्रेम करने लगी और कठोर तपस्या के द्वारा उन्होंने शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया।
दक्ष शिवजी से प्रतिशोध लेना चाहते थे, इसी कारण उनका अपमान करने की मंशा से उन्होंने एक यज्ञ आयोजित किया, जिसमें शिवजी और सती माता को आमंत्रित नहीं किया। जब माता को इसका पता चला तो उन्होंने शिवजी से यज्ञ में सम्मिलित होने की इच्छा जाहिर की। शिवजी के मना करने पर भी वो यज्ञ में सम्मिलित होने गई। आयोजन में किसी ने भी उनका स्वागत नहीं किया और आदि देव शिव का अपमान किया। माता सती अपने पति शिव जी का अपमान न झेल पाई और उन्होंने अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए।
जब शिवजी को इस बात का पता चला तो वो क्रोधित हुए और माता सती के जले शव को अपने कंधे पर रखकर तांडव करने लगे। वीरभद्र, जो शिव जी के अवतार थे उन्होंने क्रोध में दक्ष का सिर काट दिया जिसे बाद में देवताओं के अनुरोध पर दक्ष को पुनर्जीवित करने के लिए उनके सिर की बजाए एक बकरी का सिर लगाया गया।
दुःख और क्रोध में शिवजी माता सती के शव को उठाकर तांडव करने लगे, जिसके परिणामस्वरूप पूरी सृष्टि में त्राहिमाम मच गया। तब सभी ने विष्णु जी से शिवजी को शांत कराने का अनुरोध किया, विष्णुजी ने इसके लिए सुदर्शन चक्र का प्रयोग करते हुए माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए।
जिन जिन जगहों पर माँ सती के अंग और आभूषण गिरे, वहां पर शक्ति पीठ बने और सदियों से वहां पर माँ की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन 51 धामों के जो दर्शन कर ले उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
List of 51 Shakti Peethas in Hindi
आज की इस पोस्ट में हम आपको उन 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) के बारे में बताने वाले है इसलिए श्रद्धा से इस पूरे लेख को अंत तक पढ़ें।
(A) भारत में स्थापित शक्ति पीठ (Shakti Peeth in India)
51 शक्ति पीठों में से 42 शक्ति पीठ भारत में है और अन्य शक्ति पीठ पड़ोसी देशों में है। आइए जानें इन 42 शक्ति पीठों के बारे में जो हमारे देश के विभिन राज्यों में स्थित है ।
कश्मीर के शक्तिपीठ
कश्मीर, धरती का स्वर्ग, जहाँ पर सुन्दर और मनोरम हिमालय की वादियाँ है और जहाँ माँ वैष्णो देवी का धाम है वहां 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से दो शक्ति पीठ हैं।
1) श्री पर्वत शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री पर्वत
- स्थान – लेह, लद्दाख
उत्तर भारत के सुन्दर और मनोरम दृश्यों से परिपूर्ण लद्दाख में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्तिपीठ श्री पर्वत है। इस स्थान पर माँ का दक्षिण तल्प गिरा था। इस शक्ति पीठ पर माँ श्री सुंदरी माता और श्री भैरव जी सुंदरानन्द रूप में विराजित है।
2) कश्मीर पीठ / पार्वती पीठ
- शक्तिपीठ का नाम – कश्मीर पीठ /पार्वती पीठ
- स्थान – कश्मीर अमरनाथ गुफा
हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फानी बाबा यानी भोलेनाथ की ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं तथा यहीं पर माँ शक्ति का हिम शक्ति पीठ है, साथ ही गणपति जी का भी गणेश पीठ बर्फ से स्वयं ही बनता है। इस स्थान पर माँ शक्ति का कंठ आभूषण सहित गिरा था, यहाँ पर माँ के कंठ और उनके आभूषण की पूजा की जाती है। यहाँ माँ को महामाया माँ और भैरवनाथ जी को त्रिसन्ध्येश्वर के रूप में पूजा जाता है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के पवित्र दिन जब ज्योतिर्लिग के दर्शन होते हैं, तभी पार्वती पीठ और गणेश पीठ के भी दर्शन करने का महत्व है।
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उत्तर प्रदेश के शक्तिपीठ
51 शक्ति पीठ में से 4 शक्ति पीठ उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। आइए जानें उत्तर प्रदेश में स्थित शक्ति पीठों के बारे में।
3) कात्यायनी शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – कात्यायनी शक्ति पीठ
- स्थान – मथुरा वृन्दावन के बीच, उत्तरप्रदेश
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक है कात्यायनी शक्ति पीठ, यहाँ पर माँ के केश गिरे थे। ये स्थान मथुरा और वृन्दावन के बीच राधाबाग़ के समीप स्थित है। यहाँ माँ को शक्ति उमा और भैरव जी को भूतेश के रूप में पूजा जाता है।
4) विशालाक्षी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – विशालाक्षी शक्तिपीठ
- स्थान – वाराणसी
माँ सती के 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक है विशालाक्षी शक्तिपीठ। शास्त्रों के अनुसार इस स्थान पर माँ सती की दाहिनी मणिकर्णिका अर्थात कान की मणी गिरी थी। यह शक्ति पीठ वाराणसी में स्थित है, वाराणासी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर पावन गंगा नदी का मणिकर्णिका घाट है जिसे मीरघाट नाम से भी जाना जाता है। यहीं पर माँ का विशालाक्षी शक्ति पीठ है, यहाँ माँ को विशालाक्षी रूप में और भैरव जी को काल भैरव के रूप में पूजा जाता है।
5) ललिता देवी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – ललिता देवी शक्तिपीठ
- स्थान – प्रयागराज
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्ति पीठ प्रयागराज के इलाहाबाद संगम तट पर स्थित है, जहाँ माँ सती की हस्तांगुलिका गिरी थी। ऐसा माना जाता है यहाँ पर माँ गंगा, यमुना और सरस्वती माँ ललिता के चरण स्पर्श करती हुई प्रवाहित होती हैं। यहाँ पर माँ शक्ति “ललिता” और भैरव “भव” रूप में पूजे जाते है। ऐसा भी माना जाता है कि प्रयागराज में एक नहीं बल्कि तीन शक्तिपीठ हैं, जिनके नाम है ललिता देवी मंदिर, अलोपी देवी धाम और कल्याणी देवी।
6) पंच सागर शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – पंच सागर शक्तिपीठ
- स्थान – वाराणसी, उत्तरप्रदेश
51 शक्ति पीठों में से माँ का ये धाम वाराणसी, उत्तरप्रदेश मैं है (Shakti Peeth in varanasi)। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ के नीचे के दांत गिरे थे। यहाँ उन्हें वाराही शक्ति और शिवजी को महारुद्र रूप में पूजा जाता है।
राजस्थान के शक्तिपीठ
भारतीय संस्कृति से परिपूर्ण राजस्थान में माँ जगदम्बा को पूजा जाता है। यहाँ पर 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से माँ शक्ति के दो शक्ति पीठ हैं जिनमें से एक है मणिवेदिक और दूसरा है विराट शक्ति पीठ।
7) गायत्री शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – गायत्री शक्तिपीठ
- स्थान – पुष्कर, अजमेर, राजस्थान
51 शक्ति पीठ में से एक गायत्री शक्तिपीठ राजस्थान के पुष्कर में स्थित है (shakti peeth in rajasthan)। यहाँ पर माँ की कलाइयाँ अर्थात मणिबंध गिरे थे। यहाँ पर माँ को “गायत्री” रूप में और भैरव जी को “शर्वानन्द” रूप में पूजा जाता है।
8) श्री अम्बिका शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री अम्बिका शक्तिपीठ
- स्थान – विराटनगर, भरतपुर, राजस्थान
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक इस शक्ति पीठ को विराट शक्तिपीठ के नाम भी जाना जाता है। ये शक्ति पीठ विराटनगर, भरतपुर, राजस्थान में स्थित है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ के बाएँ पैर की उँगलियाँ गिरी थी। यहाँ माँ को “माँ अम्बिका” और भैरव जी को “अमृत” रूप में पूजा जाता है।
मध्यप्रदेश के शक्तिपीठ
भारत के मध्य भाग यानी मध्यप्रदेश में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से 5 धाम है।
9) श्री गढ़कालिका शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री गढ़कालिका शक्ति पीठ
- स्थान – उज्जैन , मध्य प्रदेश
कुछ लोगों का मानना है कि मध्यप्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे गढ़कलिका शक्ति पीठ है और कुछ कहते हैं कि गुजरात के गिरनार में ये शक्ति पीठ है। शास्त्रों के अनुसार इस शक्ति पीठ पर माँ का ऊपरी होंठ अर्थात ऊर्ध्व ओष्ठ गिरा था। यहाँ माँ को “अवन्ती” और भैरव जी को “लम्बकर्ण” के रूप में पूजा जाता है।
10) श्री शारदा माता शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री शारदा माता शक्ति पीठ
- स्थान – मैहर, मध्यप्रदेश
कुछ लोगों का मानना है कि माँ शारदा माता शक्तिपीठ चित्रकूट में है और कुछ का मानना है कि ये शक्ति पीठ मैहर में है। ये दोनों ही स्थान मध्यप्रदेश में हैं। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ सती का दाहिना स्तन गिरा था। यहाँ माँ को “शिवानी” और भैरव जी को “चंड” रूप में पूजा जाता है।
11) माँ हरसिद्धी शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री हरसिद्धि शक्ति पीठ
- स्थान – उज्जैन, मध्यप्रदेश
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक हरसिद्धी शक्ति पीठ मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ की कोहनी गिरी थी। यहाँ पर माँ को “मंगलचण्डिका” और भैरव जी को “मांगल्यकपिलाम्बर” रूप में पूजा जाता है।
12) शोणदेश शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – शोणदेश शक्तिपीठ
- स्थान – अमरकंटक, मध्य प्रदेश
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्ति पीठ अमरकंटक के नर्मदा नदी पर स्थित है। शास्त्रों के अनुसार इस पीठ पर माँ का दाहिना नितम्ब गिरा था। यहाँ पर माँ को शोणाक्षी और भैरव जी को भद्रसेन रूप में पूजा जाता है।
13) कालमाधव शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – कालमाधव शक्तिपीठ
- स्थान – अमरकंटक, मध्यप्रदेश
पहले इस शक्ति पीठ के स्थान के बारे में कुछ भी निश्चित नहीं था परन्तु वर्तमान में ये शक्ति पीठ अमरकंटक मध्यप्रदेश में स्थापित माना गया है। यहाँ माँ का बायाँ नितम्ब गिरा था। यहाँ उनके काली स्वरुप और भैरव जी के असितांग रूप की पूजा होती है।
बंगाल के शक्तिपीठ (Shakti Peeth in West Bengal)
बंगाल के हर कोने में दुर्गा माँ को पूजा जाता है। उनकी आराधना में कई बड़े बड़े आयोजन किए जाते है खासकर नवरात्रों में। बंगाल की इस भूमि पर 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से 10 शक्तिपीठ हैं ।
14) कालीघाट शक्तिपीठ
- शक्तिपीठ का नाम – कालीघाट शक्तिपीठ
- स्थान – कोलकत्ता
बंगाल की राजधानी कोलकत्ता में काली माँ का मंदिर है, जो 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक है तथा इस मंदिर में माँ काली की अद्भुत और प्रचंड प्रतिमा विराजित है। काली माँ क्रोधित हैं और उनके गले में नरमुंडो की माला है, हाथ में नरमुंड हैं और कमर में भी कुछ नरमुंड बंधे हुए हैं, साथ ही उनकी लाल जिह्वा बाहर है, हाथ में कुल्हाड़ी हैं और शिवजी की छाती पर काली माँ का पैर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ पर माँ के दाहिने पैर की 4 उँगलियाँ गिरी थी। इन उंगलियों में अंगूठा शामिल नहीं है। यहाँ माँ को “कालिका” और भैरव जी को “नकुलेश” रूप में पूजा जाता है।
15) श्री युगाद्या- भूतधात्री शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री जोगाद्या शक्तिपीठ
- स्थान – क्षीरग्राम, पश्चिम बंगाल
बंगाल के क्षीरग्राम में माँ का युगाद्या – भूतधात्री शक्तिपीठ स्थित है। शास्त्रों के अनुसार माँ का दाहिने पैर का अंगूठा इसी स्थान पर गिरा था। यहाँ माँ को “भूतधात्री” और भैरव जी “क्षीरकण्टक” के रूप में पूजा जाता है।
16) त्रिस्रोता-भ्रामरी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री भ्रामरी शक्तिपीठ
- स्थान – बोदागंज, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक त्रिस्त्रोता – भ्रामरी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बोदागंज, जलपाईगुड़ी में स्थापित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहाँ पर माँ का बायाँ पैर गिरा था। यहाँ उन्हें श्री “भ्रामरी माँ” और भैरव जी को “भैरव” के रूप में पूजा जाता है।
17) श्री बहुला शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री बहुला शक्तिपीठ
- स्थान – केतुग्राम, पश्चिम बंगाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक श्री बहुला शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के केतुग्राम में स्थित है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ का बायां हाथ गिरा था। यहाँ माँ “बहुला शक्ति माँ” और शिवजी “भीरुक” रूप में विराजित है।
18) श्री वकरेश्वर – महिषमर्दिनी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री महिषमर्दिनी शक्तिपीठ
- स्थान – वक्रेश्वर, पश्चिम बंगाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक ये शक्ति पीठ पश्चिम बंगाल के वक्रेश्वर में स्थापित है। यहाँ माँ का मन गिरा था। यहाँ पर माँ के शक्ति “महिषमर्दिनी” रूप की और भैरव जी के “वक्रनाथ” रूप की पूजा अर्चना की जाती है।
19) कालिका शक्तिपीठ (नलहाटी शक्तिपीठ), श्री नलतेश्वरी मंदिर
- शक्ति पीठ का नाम – कालिका शक्तिपीठ, श्री नलतेश्वरी मंदिर
- स्थान – रामपुरहट, बीरभूम जिला, पश्चिम बंगाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक कालिका शक्तिपीठ रामपुरहट बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल में स्थापित है। यहाँ पर माँ की उदरनली गिरी थी। माँ को यहाँ “कालिका माँ” और भैरव जी को “योगीश” के रूप में पूजा जाता हैं।
20) नन्दीपुर – नंदिनी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – नन्दीपुर नंदीनी शक्ति पीठ
- स्थान – सैंथिया, पश्चिम बंगाल
नन्दीपुर नंदीनी शक्ति पीठ पश्चिम बंगाल के सैंथिया में है। ये मंदिर एक विशाल वटवृक्ष के नीचे है। शास्त्रों के अनुसार इस स्थान पर माँ का कंठ हार गिरा था। यहाँ पर माँ को माँ “नंदिनी” और भैरव जी को “नदिकेश्वर” के रूप में पूजा जाता है।
21) अट्टहास शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – अट्टहास शक्तिपीठ
- स्थान – लाबपुर, पश्चिम बंगाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक अट्टहास शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में है। इस स्थान पर माँ का निचला होंठ गिरा था। यहाँ पर माँ शक्ति की “फुल्लरा माँ” और भैरव जी “विश्वेश” रूप में पूजे जाते हैं।
22) किरीट शक्तिपीठ – किरीटेश्वरी मंदिर
- शक्ति पीठ का नाम- किरीट शक्तिपीठ – किरीटेश्वरी मंदिर
- स्थान – किरीटकोना गाँव, जिला मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक यह शक्ति पीठ बंगाल के किरीटकोना गाँव, मुर्शिदाबाद जिले में स्थापित है। इस स्थान पर माँ का मुकुट गिरा था। इस मंदिर को “मुकुटेश्वरी” और “किरीटेश्वरी” नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर माँ “विमला” और भैरव जी “संवर्त” रूप में विराजित हैं।
23) विमाष शक्तिपीठ – श्री वर्गभीमा मंदिर
शक्ति पीठ का नाम- विमाष शक्तिपीठ – श्री वर्गभीमा मंदिर
स्थान – तामलुक, मिदनापुर जिला, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के तामलुक गाँव, मिदनापुर जिले में माँ का श्री वर्गभीमा मंदिर शक्तिपीठ स्थापित है तथा ये मंदिर रूपनारायण नदी तट पर है। इस स्थान पर माँ का बायाँ टखना गिरा था। यहाँ पर माँ की “कपालिनी”, “भीमरूपा” और भैरव जी की “सर्वानन्द” रूप में पूजा अर्चना की जाती है।
तमिलनाडु के शक्तिपीठ
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से तमिलनाडु में माँ शक्ति के 4 शक्ति पीठ हैं। आईए इन शक्ति पीठों के बारे में विस्तार से जानें।
24) शुचींद्रम नारायणी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – शुचींद्रम नारायणी शक्तिपीठ
- स्थान – शुचीन्द्रम, कन्याकुमारी, तमिलनाडु
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक नारायणी शक्तिपीठ अर्थात शुचींद्रम शक्तिपीठ तमिलनाडु के शुचीन्द्रम शहर में है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ के ऊपर के दांत गिरे थे। यहाँ पर उनके “नारायणी” स्वरुप और भैरव जी के “संकूर” रूप में पूजन होता है।
25) रत्नावली शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – रत्नावली शक्तिपीठ
- स्थान – चेन्नई, तमिलनाडु
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक ये शक्तिपीठ चेन्नई में है, इस स्थान पर माँ का दाहिना कन्धा गिरा था। यहाँ के लोग इस मंदिर में माँ की “कुमारी” और भैरव जी की “शिव” रूप में पूजा अर्चना करते है।
26) कण्यकाश्रम शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम- कण्यकाश्रम शक्ति पीठ
- स्थान – कन्याकुमारी, तमिलनाडु
कण्यकाश्रम शक्ति पीठ पवित्र धाम कन्याकुमारी में हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के संगम पर स्थित है। यहाँ पर माँ का पृष्ट भाग गिरा था। यहाँ उनकी “शर्वाणी” और भैरव जी का “निमिष” रूप में पूजन होता है।
27) कांची शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – कांची शक्ति पीठ
- स्थान – तमिलनाडु
कांचीवरम, तमिलनाडु के कामाक्षी देवी मंदिर में माँ का कांची शक्ति पीठ है। शास्त्रानुसार यहाँ पर माँ का कंकाल गिरा था। यहाँ माँ की “देवगर्भा” और भैरव जी की “रूद्र” रूप में पूजा होती है।
बिहार के शक्तिपीठ
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से बिहार में 2 शक्तिपीठ स्थित हैं।आईए इन शक्ति पीठों के बारे में विस्तार से जानें।
28) मिथिला शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – मिथिला शक्तिपीठ
- स्थान – दरभंगा, बिहार
माँ का ये धाम बिहार में भारत और नेपाल की सीमा के समीप मिथिला, दरभंगा में है। यहाँ पर माँ की “महादेवी” तथा “उमा” और भैरव जी की “महोदर” रूप में पूजा होती है। कुछ मानते हैं कि यहाँ पर उनका बायाँ कन्धा गिरा था और कुछ कहते हैं उग्रतारा में उनके नेत्र गिरे थे। इस मंदिर की एक अनोखी बात है कि यहाँ पर एक नहीं बल्कि तीन मंदिर हैं और तीनों को ही शक्ति पीठ धाम माना जाता है। इन तीनों के नाम हैं जय मंगला मंदिर सलौना, वनदुर्गा मंदिर उच्चचैथ और श्री उग्रतारा स्थान, महिषी।
30) श्री बड़ी पटन देवी मंदिर शक्तिपीठ (मगध शक्तिपीठ)
- शक्ति पीठ का नाम – श्री बड़ी पटनदेवी मंदिर शक्ति पीठ
- स्थान – पटना, बिहार
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक ये शक्तिपीठ पटना, बिहार में स्थापित है। यहाँ पर माँ की दाहिनी जंघा गिरी थी। यहाँ पर उनके “सर्वानन्दकरी शक्ति” स्वरुप और भैरव जी के “व्योमकेश” स्वरुप की आराधना होती है।
झारखण्ड के शक्तिपीठ
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से झारखण्ड में 1 शक्तिपीठ हैं। आईए हृदय शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
29) हार्द/ हृदय शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – हार्द/ हृदय शक्तिपीठ
- स्थान – दरभंगा, बिहार
ये वो धाम है जहां पर माँ का हृदय गिरा था। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर भैरव जी ने सती माँ का दाह संस्कार किया था। इसी कारण इस धाम को चिताभूमि भी कहते है। ये स्थान देवघर, झारखण्ड में स्थित है। वैद्यनाथ धाम में 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग और एक शक्ति पीठ भी हैं। पद्मपुराण में भी हृदय शक्ति पीठ का वर्णन है। यहाँ पर माँ को “जयदुर्गा” और “भैरव” जी को वैद्यनाथ के रूप में पूजा जाता है।
गुजरात के शक्तिपीठ (Shakti Peethas in Gujarat)
51 शक्ति पीठ में से गुजरात में माता का 1 शक्तिपीठ है। आईए अरासूरी अंबाजी शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
31) श्री आरासूरी अम्बाजी मंदिर शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री आरासूरी अम्बाजी मंदिर शक्ति पीठ
- स्थान – गिरनार पर्वत, गुजरात
सती माँ के 51 शक्ति पीठ में से एक शक्ति पीठ गुजरात में गिरनार पर्वत के शिखर पर स्थित है।यहाँ पर माँ का उदर भाग गिरा था। माँ की यहाँ “चन्द्रभागा” और भैरव जी की “वक्रतुण्ड” रूप में पूजा की जाती है।
आंध्र प्रदेश के शक्तिपीठ
आंध्रप्रदेश में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से 2 शक्ति पीठ हैं।आईए इन शक्ति पीठों के बारे में विस्तार से जानें।
32) श्री उमा कोटिलिंगेश्वर स्वामी मंदिर शक्तिपीठ (गोदावरी तट शक्तिपीठ)
- शक्ति पीठ का नाम – श्री उमाकोटिलिंगेश्वर स्वामी मंदिर शक्ति पीठ
- स्थान – राजमुंदरी, आंध्रप्रदेश
माँ का ये शक्तिपीठ गोदावरी नदी के तट पर राजमुंदरी, आंध्रप्रदेश में स्थापित है। यहाँ पर माँ का बायाँ कपोल यानि गाल गिरा था। यहाँ माँ की “विश्वेश्वरी” और “रुक्मणी” और भैरव जी की “दण्डपाणि” रूप में आराधना होती है।
33) श्रीशैलम , श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्रीशैल, श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ
- स्थान – कुर्नूल के निकट, आंध्र प्रदेश
51 शक्ति पीठ में से एक श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ है, जो कि कुर्नूल, आंध्र प्रदेश में स्थापित है। श्रीशैलम में भोलेनाथ का मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग और माँ का भगवती श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ है। यहाँ पर माँ की गर्दन गिरी थी। यहाँ पर माँ को “महालक्ष्मी” स्वरुप में और भैरव जी को “संवरानन्द” तथा “ईश्वरानन्द” स्वरुप में पूजा जाता है।
महाराष्ट्र के शक्तिपीठ (Shakti Peeth in Maharashtra)
महाराष्ट्र में 51 शक्ति पीठ में से 2 शक्तिपीठ हैं। आईए इन शक्ति पीठों के बारे में विस्तार से जानें।
34) करवीर शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – करवीर शक्ति पीठ
- स्थान – कोल्हापुर, महाराष्ट्र
करवीर जो वर्तमान में कोल्हापुर है, वहां पर माँ का करवीर शक्ति पीठ स्थापित है। कोल्हापुर में माँ लक्ष्मी का एक बड़ा मंदिर है, जिसे शक्ति पीठ माना गया है। यहाँ पर माँ के तीन नेत्र गिरे थे। यहाँ पर माँ के “महिषमर्दिनी” और भैरव जी के “क्रोधीश” स्वरुप की पूजा होती है।
35) जनस्थान शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – जनस्थान शक्ति पीठ
- स्थान – नासिक, महाराष्ट्र
ये शक्तिपीठ महाराष्ट्र के नासिक गाँव में पंचवटी में स्थापित है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ की ठुड्डी गिरी थी। यहाँ पर माँ के “भ्रामरी” स्वरुप और भैरव जी के “विकृताक्ष” रूप में पूजा की जाती है। यहाँ पर माँ भद्रकाली की आकर्षक प्रतिमा है तथा इस धाम को देवी के मठ के नाम से भी जाना जाता है।
पंजाब के शक्तिपीठ
पंजाब में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्तिपीठ है। आईए जालंधर शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
36) जालंधर शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – जालंधर शक्ति पीठ
- स्थान – जालंधर, पंजाब
पंजाब में माँ के 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्तिपीठ जालंधर में स्थापित है। देवी तालाब मंदिर ही शक्ति पीठ है। पुराणों के अनुसार यहाँ पर माँ का वामस्तन गिरा था। यहाँ पर माँ के “त्रिपुरमालिनी” और भैरव जी के “भीषण” रूप की आराधना की जाती है।
उड़ीसा के शक्तिपीठ
उड़ीसा में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्ति पीठ है। आईए उत्कल शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
37) उत्कल शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – उत्कल शक्तिपीठ
- स्थान – याजपुर क्षेत्र, उड़ीसा
यहाँ पर स्थापित शक्तिपीठ के सम्बन्ध में दो मान्यताएं हैं। कोई मानता है कि विमला देवी मंदिर जो जगन्नाथ पूरी मंदिर के प्रांगण में स्थापित है वो शक्ति पीठ है और कुछ मानते हैं कि विरजादेवी का मंदिर जो ब्रह्मकुंड जाजपुर में स्थापित है वो शक्तिपीठ है। मान्यताओं के अनुसार यहाँ पर माँ की नाभि गिरी थी। यहाँ पर माँ के “विमला” स्वरुप और भैरव जी को “जगन्नाथ” स्वरुप में पूजा जाता है।
हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठ (Shakti Peeth in Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश में 51 शक्ति पीठ में से एक शक्ति पीठ है। आईए ज्वालामुखी शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
38) ज्वालामुखी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – ज्वालामुखी शक्तिपीठ
- स्थान – कांगड़ा जनपद, हिमाचल प्रदेश
ये शक्ति पीठ कांगड़ा जनपद, हिमाचल प्रदेश में स्थित है तथा यहाँ पर माँ की जिव्हा गिरी थी। यहाँ पर माँ के “सिद्धिदा अम्बिका” स्वरुप और भैरव जी के “उन्मत्त” स्वरुप की आराधना होती है। इस मंदिर की खास बात है कि यहाँ पर मंदिर के अंदर मूर्ति के पीछे से एक ज्योति अनंत काल से प्रज्वलित है। भागवत और शिव पुराण में भी इस मंदिर का वर्णन है। यहाँ माँ को ज्वाला देवी के रूप में भी पूजा जाता है।
असम के शक्ति पीठ
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से असम में एक शक्तिपीठ धाम है। आईए कामरूप शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
39) कामरूप शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – कामरूप शक्तिपीठ
- स्थान – गुवाहाटी, असम
माँ का ये शक्ति पीठ गुवाहाटी, असम के कामगिरी पर्वत जिसे नील पर्वत भी कहते हैं पर स्थापित है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ का योनीभाग गिरा था। इसी कारण इस शक्तिपीठ को योनिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ उनके “कामाख्या” स्वरुप और भैरव जी की “उमानन्द” स्वरुप में आराधना होती है।
मेघालय के शक्तिपीठ
मेघालय में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्तिपीठ विराजित है। आईए जयंती शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
40) जयंती शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – जयन्ती शक्तिपीठ
- स्थान – जयंतिया, मेघालय
जयंती शक्तिपीठ जयंतिया पहाड़ी, मेघालय में स्थित है। यहाँ पर माँ की वाम जंघा गिरी थी। यहाँ उनके “जयंती” स्वरुप और भैरव जी के “क्रमदीश्वर” स्वरुप की पूजा होती है।
त्रिपुरा का शक्ति पीठ
त्रिपुरा में 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक शक्ति पीठ है। आईए त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
41) त्रिपुर सुन्दरी शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – त्रिपुरसुन्दरी शक्तिपीठ
- स्थान – राधाकिशोरपुर ग्राम, त्रिपुरा
माँ का ये शक्तिपीठ राधाकिशोरपुर ग्राम, त्रिपुरा राज्य में स्थित है। यहाँ पर माँ का दाहिना पैर गिरा था। यहाँ उनके “त्रिपुरसुन्दरी” तथा भैरव जी की “त्रिपुरेश” स्वरुप में पूजा होती है।
हरियाणा का शक्तिपीठ
हरियाणा में सती माँ का 1 शक्तिपीठ है । आईए देविकूप शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें।
42) देवीकूप शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – देवीकूप शक्तिपीठ
- स्थान – कुरुक्षेत्र हरियाणा
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक ये देवीकूप शक्तिपीठ कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थापित है। यहाँ पर माँ का दायाँ टखना गिरा था। यहाँ उनके “सावित्री” स्वरुप और भैरव जी के “स्थाणु” स्वरुप का पूजन होता है। महाभारत में वर्णन है कि जब महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था, तब पांडवों ने यहीं पर माँ से विजय का आशीर्वाद पाने के लिए यज्ञ किया था।
(B) भारत के पडोसी देश में स्थापित शक्तिपीठ
सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु हमारे पडोसी देशों में भी 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से सती माँ के 9 शक्तिपीठ विराजित हैं जहाँ नवरात्रि में लाखों भक्त दर्शन करने जाते हैं।
बांग्लादेश के शक्ति पीठ
बांग्लादेश में माँ सती के 4 शक्ति पीठ हैं। आईए इन शक्ति पीठों के बारे में विस्तार से जानें।
43) श्री यशोरेश्वरी काली मंदिर
- शक्ति पीठ का नाम – श्री किरीटेश्वरी मंदिर
- स्थान – ईश्वरीपुर, बांग्लादेश
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक ये शक्तिपीठ बांग्लादेश के ईश्वरीपुर में स्थापित है। शास्त्रों के अनुसार इस स्थान पर माँ की हथेली गिरी थी। यहाँ पर माँ की “यशोरेश्वरी” और भैरव जी की “चंड” रूप में आराधना की जाती है।
44) श्री चट्टल – भवानी शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – चट्टल – भवानी शक्ति पीठ
- स्थान – सीता कुण्ड बांग्लादेश
श्री भवानी शक्ति पीठ सीता कुण्ड बांग्लादेश में चंद्रशेखर पर्वत पर स्थपित है। शास्त्रों के अनुसार यहाँ पर माँ का दाहिना हाथ गिरा था। आप जानकर हैरान होंगे कि यहाँ पर बने बाडवकुण्ड से निरंतर अग्नि निकलती रहती है। यहाँ पर माँ की “भवानी” रूप में और भैरव जी की “चन्द्रशेखर” रूप में पूजा की जाती है।
45) करतोयातट – अपर्णा शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – करतोयातट – अपर्णा शक्तिपीठ
- स्थान – भवानीपुर, बांग्लादेश
करतोयातट शक्ति पीठ बांग्लादेश के भवानीपुर में स्थापित है। यहाँ पर माँ का बायाँ तल्प गिरा था। यहाँ पर उनकी “अपर्णा” और भैरव जी की “वामन” रूप में आराधना की जाती है।
46) श्री सुगंधा शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – श्री सुगंधा शक्तिपीठ
- स्थान – शिकारपुर, बरिसाल जिला, बांग्लादेश
माँ का ये पावन शक्ति पीठ बांग्लादेश के शिकारपुर इलाके में है। इस स्थान पर माँ की नासिका गिरी थी। यहाँ पर माँ के “सुनंदा” रूप और भैरव जी की “त्र्यम्बक” रूप में आराधना होती है।
नेपाल के शक्तिपीठ
हमारे पडोसी देश नेपाल में 51 शक्ति पीठ में से 2 शक्तिपीठ हैं। आईए नेपाल में स्थित शक्ति पीठों के बारे में विस्तार से जानें।
47) गण्डकी शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – गण्डकी शक्ति पीठ
- स्थान – गण्डकी, नेपाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक माँ का ये शक्तिधाम गंडकी नदी के किनारे, नेपाल में स्थित है। यहाँ पर माँ की कनपटी या मस्तक गिरा था। यहाँ उनको ‘‘गण्डकी” और भैरव जी को “चक्रपाणि” स्वरुप में पूजा जाता हैं।
48) गुह्येश्वरी शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – गुह्येश्वरी शक्ति पीठ
- स्थान – काठमांडू, नेपाल
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से एक गुह्येश्वरी शक्ति पीठ काठमांडू, नेपाल मे स्थापित है। इस मंदिर को गुह्यकाली नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर माता के दोनों घुटने गिरे थे। माँ को यहाँ “महामाया” और भैरव जी को “कपाली” के रूप में पूजा जाता है।
पाकिस्तान के शक्तिपीठ (Shakti Peethas in Pakistan)
पाकिस्तान में 1 शक्तिपीठ है। आइए हिंगलाज देवी शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें ।
49) हिंगलाज शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – हिंगलाज शक्तिपीठ
- स्थान – बलूचिस्तान, पाकिस्तान
माँ का ये शक्तिपीठ हिंगोल नदी के तट पर बलूचिस्तान, पाकिस्तान में स्थापित है। इस मंदिर में माँ का मस्तक गिरा था। यहाँ पर माँ “कोट्टरी” स्वरुप और भैरव जी “भीमलोचन” स्वरुप में विराजित है।
श्रीलंका का शक्तिपीठ
श्रीलंका में सती माँ का 1 शक्तिपीठ है। आइए लंका शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें ।
50) लंका शक्ति पीठ
- शक्ति पीठ का नाम – लंका शक्ति पीठ
- स्थान – श्रीलंका
51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) में से माँ का एक शक्ति पीठ श्रीलंका में भी है। यहाँ पर माँ की पायल गिरी थी। यहाँ पर उन्हें “इन्द्राक्षी” और भैरव जी को “राक्षसेश्वर” के रूप में पूजा जाता है।
तिब्बत का शक्तिपीठ
तिब्बत में 1 शक्तिपीठ है। आइए मानस शक्ति पीठ के बारे में विस्तार से जानें ।
51) मानस शक्तिपीठ
- शक्ति पीठ का नाम – मानस शक्तिपीठ
- स्थान – मानसरोवर, तिब्बत
51 शक्ति पीठ में से एक माँ सती का ये धाम मानसरोवर के तट पर तिब्बत में स्थापित है। यहाँ पर माँ की हथेली गिरी थी। यहाँ पर माँ के “दाक्षायणी” और भैरव जी के “अमर” स्वरुप की आराधना की जाती है।
आज आपने 51 शक्ति पीठ (list of 51 shakti peethas) के नाम और 51 shakti peeth kahan kahan hai के बारे में जाना। यहाँ पर माँ का वास है। ऐसा माना जाता है जो भी इन शक्ति पीठ पर सच्चे मन से और श्रद्धा से पूजा करता है और मन्नत मांगता है माँ उनकी मन्नत जरुर पूरी करती है।
Frequently Asked Questions
Question 1: भारत में कितने शक्तिपीठ हैं?
51 शक्ति पीठों में से 42 शक्ति पीठ भारत में स्थित है तथा पड़ोसी देशों में 9 शक्ति पीठ स्थित है।
Question 2: सबसे बड़ा शक्तिपीठ कौन सा है?
असम का कामाख्या मंदिर सबसे बड़ा शक्तिपीठ है।
Question 3: 51 shakti peethas में से कितने शक्तिपीठ भारत के अलावा अन्य देशों में स्थित हैं?
51 शक्ति पीठों में से 9 शक्तिपीठ भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और तिब्बत में भी स्थित हैं।
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