Navratri Puja (नवरात्रि पूजा) सबसे शुभ हिंदू त्योहारों में से एक है और पूरे भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है। एक संस्कृत शब्द, नव (नौ)रात्रि (रात) से व्युत्पन्न, इसका शाब्दिक अर्थ है 9 रातें। देश के कुछ हिस्सों में दुर्गा पूजा के रूप में भी जाना जाता है, नवरात्रि पूजा देवी दुर्गा को राक्षस महिषासुर को हराने के लिए मनाती है, इस प्रकार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। माना जाता है कि देवी मां में ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संयुक्त शक्तियां हैं।
नवरात्रि पूजा अश्विन के हिंदू कैलेंडर महीने में अमावस्या के दिन (अमावस्या) के बाद शुरू होती है, जहां अमावस्या पितृ पक्ष के अंत का प्रतीक है। हिंदू एक कैलेंडर वर्ष में कुल चार नवरात्रि मनाते हैं – शरद नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि। इन ४ में से, शरद नवरात्रि सबसे प्रसिद्ध है और सर्वोच्च महत्व का है।
यहां वह सब कुछ है जो आपको नवरात्रि पूजा 2021 के बारे में जानने की जरूरत है:
Navratri Significance / नवरात्री का महत्व
Navratri Puja Samagri / नवरात्री पूजा सामग्री
Navratri Puja Vidhi / नवरात्री पूजा विधि
Navratri Fasting Rules & Food / नवरात्री व्रत नियम एवं खान पान
Navratri Significance (नवरात्री का महत्व)
नवरात्रि पूजा देवी दुर्गा को समर्पित है जो स्त्री शक्ति (शक्ति) का प्रतिनिधित्व करती हैं। दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है क्योंकि दुर्गा मां ने भैंस के राक्षस महिषासुर का सफाया कर दिया था जिसने बड़े पैमाने पर विनाश किया था।
Navratri 2021 Dates
नवरात्रि का पर्व कलश स्थापना से आरंभ होता है. शरद नवरात्रि में 07 अक्टूबर 2021 को कलश स्थापना यानि घटस्थापना की जाएगी. 2021 में शरद नवरात्रि 7 अक्टूबर (पहले दिन या प्रतिपदा) से शुरू होती है और 15 अक्टूबर को समाप्त होती है और 14 अक्टूबर को नवमी पूजा और 15 अक्टूबर को दशहरा होता है।
Date | Tithi | Devi Avatar |
October 7 | प्रतिपदा | Ghatasthapana and Shailputri Puja |
October 8 | द्वितीय | Brahmacharini Puja |
October 9 | तृतीया एवं चतुर्थी | Chandraghanta Puja and Kushmanda Puja |
October 10 | पंचमी | Skandamata Puja |
October 11 | सष्टि | Katyayani Puja |
October 12 | सप्तमी | Kalaratri Puja |
October 13 | अष्टमी | Maha Gauri Puja |
October 14 | नवमी | Siddhidhatri Puja |
October 15 | दशमी | Navratri Parana/Durga Visarjan |
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Navratri Puja Samagri (नवरात्री पूजा सामग्री)
मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, दुर्गासप्तशती किताब, बंदनवार आम के पत्तों का, पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, पांच मेवा, घी, लोबान, गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा,सुपारी, कपूर. और हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियां, सिंदूर, आम के पत्ते, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम,मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल ,फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले, फल व मिठाई, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ आदि।
Navratri Puja Vidhi (नवरात्री पूजा विधि)
नवरात्री की पूजा सबसे पहले कलश स्थापना से आरम्भ होता है। कलश में पांच पत्ते लगाके उसमे सुपारी, हल्दी की गांठ एवं दूर्वा राखी जाती है। कलश स्थापना के पहले उसके नीचे बालू का बेस बनाए क्यूंकि इसमें जौ भी बोई जाएगी। माता रानी को प्रस्सन करने के लिए जौ का काफी महत्व है। इसके बाद माता की तस्वीर बीच में राखी और माँ के श्रृंगार में वस्त्र, लाल चुनरी, रोली, चावल, फूल, माला आदि का प्रयोग होता है। इसके बाद गोयथे से माता की ज्योत ले और अखंड दिया चासे (जो की ९ दिनों तक चलते रेहनी किये)। इसके बाद हाथ जोड़ के माता से प्रार्थना करे और गणेश जी की आरती के बाद माता की आरती करे।
Navratri Fasting Rules & Food
Navratri व्रत करने से मां के प्रति श्रृद्धा व आस्था गहरी तो होती ही है, साथ में स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इन दिनों में रखे गए व्रत का कई गुना फल मिलता है और मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के व्रत रखने से तन, मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
यहां सभी नवरात्री नियम दिए गए हैं:
- हर समय खुद को साफ रखने की जरूरत है, इसलिए सुबह सुबह रोज़ नहाये। सुबह 9 बजे से पहले स्नान कर लेना चाहिए।
- नवरात्रि आहार का पालन करें
- भारतीय घरों में इस तरह शुभ मुहूर्त में जो भी भोजन बनाया जाता है, उसे देवताओं को चढ़ाया जाता है। नवरात्रि के दौरान भी आपको ऐसा ही करने की जरूरत है।
आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं?
- आटा और अनाज: नवरात्री व्रत के समय साधारण आटा और अनाज नहीं खाया जाता है। उपवास के समय बास कुट्टू का आटा या सिंघाड़े का आटा खाना चाहिए। समय के चावल आप खिचड़ी, खीर या ढोकला बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते है। साबूदाना का प्रयोग भी कर सकते है आप।
- मसाले: साधारण नमक का इस्तेमाल करने के बजाए सेंधा नमक प्रयोग करे। मसाले में जयते रोक टोक नहीं है सो हर दिन इस्तेमाल होने वाले मसाले आप प्रयोग कर सकते है।
- सब्जियां: सब्जियों में आप आलू, अरबी, निम्बू, कद्दू, पालक, टमाटर, खीरा, गाजर का प्रयोग कर सकते है।
- दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, खोया, पनीर, मलाई का इस्तेमाल किया जा सकता है
- क्या नहीं खाये: प्याज, लहसन, मांस मच्छी, मदिरा, तम्बाकू और किसी भी नशीली चीज़ो का सेवन एकदम मना है।
उम्मीद है की आपको नवरात्री पूजा २०२१ के सम्बन्धी सभी जानकारी मिल गयी है। आशा है की माँ दुर्गा आप पर और आपके परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखे और आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी हो। जय माता दी।