मान्यताओं के अनुसार, बुधवार को श्री गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa Lyrics) का पाठ करना अत्यंत लाभदायक है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी अपने भक्तजनो पर बुद्धि, धर्म, ज्ञान की कृपा बरसाते हैं। इसके साथ श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से भक्तों के जीवन में आ रही विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं।
आइये गणेश चालीसा का पूरा पाठ पढ़के हमारे विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की आराधना करते हैं।
Shree Ganesh Chalisa Lyrics (गणेश चालीसा लिरिक्स)
भगवान श्री गणेश हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय माने जाते हैं। विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा हर शुभ कार्य के आरंभ में की जाती है, जिसे सारे कार्य सूख पूर्वक संपन्न हो जाते हैं। अब आप गणेश चालीसा (Shree Ganesh Chalisa) के हिंदी लिरिक्स पढ़िए।
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आपकी सहूलियत के लिए सम्पूर्ण गणेश चालीसा के हिंदी लिरिक्स (Ganesh Chalisa in Hindi) निम्नलिखित हैं।
॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू , मंगल भरण करण शुभः काजू ।
जै गजबदन सदन सुखदाता, विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना, तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ।
राजत मणि मुक्तन उर माला, स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं, मोदक भोग सुगन्धित फूलं ।
सुन्दर पीताम्बर तन साजित, चरण पादुका मुनि मन राजित ॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता, गौरी लालन विश्व-विख्याता ।
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे, मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी, अति शुची पावन मंगलकारी ।
एक समय गिरिराज कुमारी, पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा, तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ।
अतिथि जानी के गौरी सुखारी, बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा, मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ।
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला, बिना गर्भ धारण यहि काला ॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना, पूजित प्रथम रूप भगवाना ।
अस कही अन्तर्धान रूप हवै, पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना, लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ।
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं, नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं, सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ।
लखि अति आनन्द मंगल साजा, देखन भी आये शनि राजा ॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं, बालक, देखन चाहत नाहीं ।
गिरिजा कछु मन भेद बढायो, उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥
कहत लगे शनि, मन सकुचाई, का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ।
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ, शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा, बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ।
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी, सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥
हाहाकार मच्यौ कैलाशा, शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ।
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो, काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो, प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ।
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे, प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा, पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ।
चले षडानन, भरमि भुलाई, रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें, तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ।
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे, नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई, शेष सहसमुख सके न गाई ।
मैं मतिहीन मलीन दुखारी, करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा, जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ।
अब प्रभु दया दीना पर कीजै, अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥
॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान ॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ती गणेश ॥
Ganesh Chalisa in Hindi PDF Download (श्री गणेश चालीसा हिंदी PDF)
श्री गणेश की पूजा-आराधना करते समय गणेश चालीसा का जाप अवश्य करें। इस चालीसा को प्रतिदिन पढ़ने से आपको बल-बुद्धि में कौशल और धन-समृद्धि में विकास की प्राप्ति होगी।
नीचे दिए गए लिंक से आप गणेश चालीसा के हिंदी लिरिक्स का PDF (Ganesh Chalisa in Hindi PDF) डाउनलोड कर सकते हैं।
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Shree Ganesh Chalisa Benefits (गणेश चालीसा के फायदे)
सुखकर्ता दुःखकर्ता श्री गणेश जी की चालीसा पढ़ने से अनगिनत फायदे होते हैं। गणेश चालीसा पढ़ने के सारे फायदे निम्नलिखित हैं।
- गणेश जी सुख और समृद्धि के दाता हैं तो यदि आपके घर में तनाव का माहौल है तो आपको इसका जाप करना चाहिए।
- यदि आपको विवाह करने में कोई परेशानी आ रही है, तो इस गणेश चालीसा से आपको बहुत सहायता मिलेगी।
- सभी छात्रों को गणेश चालीसा को अवश्य पढ़ना चाहिए ताकि उनको विद्या के क्षेत्र में समृद्धि मिले।
हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और PDF डाउनलोड करने के बाद आप गणेश चालीसा रोज़ पढ़ेंगे।
ॐ गणेशाय नमः
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