कार्तिक मास का आरम्भ होते ही त्योहारों की लड़ी लग जाती है। करवा चौथ, दिवाली जैसे त्यौहार इस मास में मनाये जाते है। हिन्दू धर्म में कार्तिक मास में एक और बड़ा पर्व होता है छठ पूजा। इस पर्व को सम्पूर्ण देश में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।
छठ पूजा का पर्व दिवाली के बाद शुरू होता है। यह सभी त्योहारों में कठिन माना जाता है। आपके मन मे भी जिज्ञासा होगी कि ” छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja 2022 date)”। जानते है छठ पूजा 2022 के विषय में सम्पूर्ण जानकारी।
छठ पूजा क्या है (Chhat Puja Kya Hai)
” छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja 2022 date)” यह जानने से पूर्व यह जान लेते है कि छठ पूजा क्या है ? और इसका महत्त्व क्या है ?
छठ पूजा (chhath puja) हिन्दुओं का पवित्र त्यौहार है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। छठ पूजा (chhat puja) पर सूर्योपासना का महत्त्व होता है। विशेष रूप से यह पर्व बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, नेपाल और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है। परन्तु यहाँ के लोग सम्पूर्ण भारत में फैले हुए है इस कारण अब यह पर्व पुरे देश में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।
छठ पूजा दिवाली के बाद शुरू हो जाती है। यह चार दिनों का पर्व होता है। यह सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित पर्व है। छठ पूजा सबसे कठिन त्यौहार माना जाता है। इसमें 36 घंटे निर्जला व्रत रखा जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर यह पर्व मनाया जाता है इस कारण इसे ‘कार्तिकी छठ’ के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धि ,मनोवांछित फल प्राप्ति और संतान के लिए किया जाता है। इस पर्व को करने से सभी कष्ट दूर होते है और धन वैभव की समृद्धि होती है।
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पौराणिक महत्व
मान्यता है कि इस पर्व की शुरुआत माता सीता ने की थी। उन्होंने इस कठिन व्रत को पूर्ण किया था। तब से यह पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार महाभारत की शुरुआत भी सूर्य पूजा के साथ ही हुयी थी। अर्घ्य दान की परंपरा का आरम्भ यही से हुआ था। इसके अतिरिक्त द्रोपदी ने भी इस व्रत को रखा था।
अन्य कथा
इस पर्व के संदर्भ में यह कथा भी प्रचलित है। कि प्रियव्रत नाम का एक राजा था जिसकी कोई संतान नहीं थी। संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने कई यत्न किये परन्तु कोई भी लाभ नहीं हुआ। तब महर्षि कश्यप ने राजा को पुत्रयेष्टि यज्ञ करने का प्रस्ताव रखा। इस यज्ञ के पश्चात् ही महारानी को पुत्र की प्राप्ति हुयी। परन्तु उनका पुत्र मरा हुआ पैदा हुआ।
जब मृत पुत्र के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी तो उस समय आकाश से एक ज्योतिर्मय विमान पृथ्वी पर आया। इस विमान में देवी बैठी हुयी थी। उन्होंने कहा कि ‘मैं षष्ठी देवी हूँ और विश्व के सभी बालकों की रक्षिका हूं।’ देवी द्वारा मृत शिशु के शरीर को स्पर्श करते ही वह जीवित हो गया। यह सब देखकर राजा ने इस त्यौहार को प्रतिवर्ष मनाने की घोषणा की।
छठ पूजा 2022 में कब है (Chhath Puja 2022 Date)
छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja kab hai) यदि आप यह जानना चाहते है तो आपको बता दे कि छठ पूजा 30 अक्टूबर को है। जो की चार दिवसीय त्यौहार होने के कारण यह 28 अक्टूबर से शुरू हो जाती है और 31 अक्टूबर तक रहेगी।
छठ पूजा सामग्री (Chhath Puja Samagri)
” छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja 2022 date)” यह आप जान गए है। चलिए जानते है इस पूजा को मनाने के लिए क्या क्या आवश्यक सामग्री लगेगी।
छठ पूजा आवश्यक सामग्री | |||||
लोटा | बांस से निर्मित डलिया | बड़ी इलायची | सिंदूर | संतरा | सेब |
शरीफा | पानी वाला नारियल | मीठा नींबू | आटा | लड्डू | केला |
अनानास | अदरक का पौधा | खट्टा नींबू | घी | शहद | गन्ना |
ठेकुआ | हल्दी का पौधा | अमरूद | पान | दूध | गुड़ |
सुपारी | पीतल या बांस के सूप | कद्दू | बोरी | अगरबत्ती | कद्दू |
नए कपड़े | माचिस | मूली | सिंघाड़ा | अरबी | सुथनी |
शक्करंकदी | पपीता | लौंग | गेहूं | चावल का आटा | केले के पत्ते |
छठ पूजा विधि (Chhath Puja Vidhi)
” छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja 2022 date)” यह जान गए है अब इसकी पूजा विधि के बारे में जान लेते है ताकि जो लोग पहली बार पूजा कर रहे है उन्हें इसकी जानकारी मिल जाएगी। जैसा की आपको बताया है कि छठ पूजा चार दिवसीय त्यौहार होता है। छठ पूजा (chhath puja 2022) 2022 में 28 अक्टूबर 2022 को शुरू होगी। जो की प्रथम दिन रहेगा।
छठ पूजा का पहला दिन
नहाय- खाए – कार्तिक शुक्ल पक्ष की जो चतुर्थी होती है उसे नहाए-खाए के रूप में मनाया जाता है। इसमें सर्व प्रथम घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। साथ ही जहाँ भोजन बनाया जाने वाला होता है उस स्थान को भी अच्छी तरह से शुद्ध किया जाता है। फिर व्रती स्नान कर सात्विक भोजन बनाती है। जिसे छठी मईया को भोग लगाकर ही व्रती उस खाने को ग्रहण करती है। इसके पश्चात ही घर के अन्य सदस्य भोजन ग्रहण करते है।
नोट – इस दिन नियमानुसार लौकी की सब्जी ,दाल – भात ग्रहण किया जाता है। साथ ही खाने में सेंधा नमक उपयोग में लिया जाता है।
छठ पूजा का दूसरा दिन
छठ पूजा 2022 में 29 अक्टूबर को दूसरा दिन होगा। जिसे खरना कहते है।
खरना – खरना कार्तिक शुक्ल की पंचमी को होता है। इस दिन व्रत कर्ता उपवास करते है। संध्या काल में ही भोजन ग्रहण किया जाता है।
नोट – इस दिन भोजन में गन्ने से निर्मित चावल की खीर बनायीं जाती है। इस दिन शक्कर और नमक का उपयोग नहीं किया जाता है। इस खीर के साथ रोटी जिसपर घी लगा हो और चावल का पीठा खाया जाता है। इस खीर के साथ ही 36 घंटे का उपवास शुरू हो जाता है।
छठ पूजा का तीसरा दिन
कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को तीसरा दिन होता है। यह मुख्य दिन है जब छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। यह पूजा संध्याकाल में की जाती है। बांस की टोकरी में समस्त तैयारी की जाती है। घाट पर जाकर जल में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसमें परिवार और अन्य लोग भी शामिल हो सकते है।
छठ पूजा 2022 का चौथा दिन
कार्तिक शुक्ल सप्तमी को छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन होता है। जो की 31 अक्टूबर 2022 को होने वाला है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने के लिए व्रत करता को जल में जाकर खड़ा होना रहता है। पूजा विधि समाप्त होने के बाद सभी लोग प्रसाद लेकर पारण की विधि को पूर्ण करते है।
अब आप जान गए होंगे कि ” छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja 2022 date)” विधि विधान से अपने परिवार के साथ छठ पूजा कीजिये। आप सभी को छठ पूजा की शुभ कामनाये।
Frequently Asked Questions
Question 1: ” छठ पूजा 2022 में कब है (chhath puja 2022 date)”?
छठ पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है। इसके अनुसार इस वर्ष 30 अक्टूबर 2022 को छठ पूजा की जाएगी।
Question 2 : छठ पूजा का आरम्भ किसने किया ?
ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा की शुरुआत माता सीता ने की थी। उनके 14 वर्ष के वनवास को पूर्ण करने के बाद माता सीता ने अपने आप को शुद्ध करने और परिवार की सुख समृद्धि के लिए यह व्रत किया था।
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